सोमवार, 21 जनवरी 2013

दुर्घटना और विवाह

सुख और दुःख एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। पिछले सप्ताह हमने इसका प्रत्यक्ष अनुभव किया। 19 जनवरी को श्रीमतीजी के एक भतीजे चि. मनीष गोयल का शुभ विवाह था, जिसमें शामिल होने हमें 17 जनवरी को आगरा जाना था। लेकिन 14 जनवरी को उनकी बड़ी बहन श्रीमती रेणु जी के साथ भयंकर दुर्घटना हो गयी, जिसके कारण हमें 15 जनवरी को ही आगरा जाना पड़ा। वे अपने इकलौते भाई श्री आलोक गोयल के साथ मोटर बाइक पर कहीं जा रही थीं कि बगल से किसी साँड़ के आने के कारण अचानक ब्रेक लगाने से और शायद साँड़ की टक्कर से दोनों गिर पड़े।
आलोक दायीं ओर गिरे। उनके दायें कंधे और पैर में मामूली चोट आयी। लेकिन रेणु दीदी बायीं ओर मुँह के बल गिरीं, जिससे उनके सिर में बहुत गहरी चोट आयी। वे उसी समय बेहोश हो गयी थीं। उनको एक परिवार की सहायता से तत्काल नर्सिंग होम ले जाया गया, जहाँ पर वे अभी भी आई.सी.यू. में जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं। वैसे वेंटीलेटर हट गया है, परन्तु अभी उनको होश नहीं आया है। आशा है शीघ्र वे खतरे से बाहर हो जायेंगी। हम तो उनके स्वास्थ्य और जीवन के लिए प्रभु से प्रार्थना ही कर सकते हैं। सन्तोष की बात यह रही कि श्री आलोक पूरी तरह सुरक्षित बच गये। उनके ऊपर 6 प्राणियों के परिवार का भार है।
हम चि. मनीष के विवाह में भी शामिल हुए। होना ही था, क्योंकि संसार का व्यवहार निभाना ही पड़ता है। लेकिन किसी में वह उत्साह नहीं था, जो ऐसे अवसरों पर हुआ करता है, होना चाहिए था।

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