देश की जनता समस्याओं से बुरी तरह त्रस्त है,
चुप रहो, आज १५ अगस्त है!
सबको मिली हुई है पूरी आजादी
अधिकारियों को मनमानी की
नेताओं को खींचातानी की
व्यापारियों को खुलकर लूटने की
पुलिस को जमकर पीटने की
जनता तो लुटने-पिटने की अभ्यस्त है,
चुप रहो, आज १५ अगस्त है!
हर तरफ फैला हुआ है भारी भ्रष्टाचार
सामने खड़े हैं समस्याओं के पहाड़
बजबजाती नालियां, कूड़े के अम्बार
सड़कों पर सूअरों का उन्मुक्त विचरण
दुर्लभ हैं बिजली और पानी के दर्शन
नगर निगम अतिक्रमणों के नाम पर वसूली में मस्त है
चुप रहो, आज १५ अगस्त है!
बेरोजगारों की बढती हुई फ़ौज
चारों तरफ है माफिया गिरोहों का राज
प्यासी है धरती, खाली हैं किसानों के पेट
रोज बढ़ते जा रहे हैं जरूरी चीजों के रेट
सरकार वोटों की फसल उगाने में व्यस्त है
चुप रहो, आज १५ अगस्त है!