हमारे 'माननीय' सांसद हाथ धोकर टीम अन्ना के पीछे पड़ गए हैं. उनकी गलती बस इतनी है कि उन्होंने इन महोदयों को आइना दिखा दिया है. अब ये सज्जन टीम अन्ना को सबक सिखाना चाहते हैं. संभव है कि वे उनको जेल भेज दें. आखिर साडी ताकत उनके ही हाथ में है. लेकिन उस जनता को कैसे रोकेंगे जो उन्हें दिन रात गालियाँ देती है ? क्या यह अच्छा न होता कि वे दर्पण को कोसने के बजाय अपने दागों को दूर करते?
कुछ पंक्तियाँ पेश हैं
मैंने समझा था कि मेरे चेहरे पे नूर होगा
किसे पता था कि आईने से ये भरम दूर होगा
दिखा दिए हैं मेरे चेहरे के दाग इसने
ये कमबख्त आइना कब चूर चूर होगा